Wednesday, December 19, 2007

नयी भाषा

सुबह लायी नयी आशा , नयी दिशा
आओ सीखे एक नयी भाषा

सुनो क्या कहे ये पवन,
चलते रहो अपनी धुन में मगन,

सुनो क्या कहे ये सूरज,
चमकते रहो फैलाओ रोशनी चारों ओर ,

ये हरियाली दिलाये नयी उम्मीद,
प्रकृति का हमेशा नया संगीत,

जो ये धुन समझेगा,
खुदको जिंदगी के नजदीक पाएगा

--स्नेहा

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