Saturday, October 20, 2007

सुबह

सूरज की पहली किरण जब धरती पे उतर आयी,
ओस की चादर ओढ़ के धरती मुस्कुराई,
नया दिन नयी सुबह नयी चहलपेहेल ,
चलो उठो तुम भी खेलो आज के दिन का खेल
--स्नेहा

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