Wednesday, December 24, 2008

बिखरे रंग तुम्हारे

जो पढ पाते निगाहों को हमारे,
बस दिखते बिखरे रंग तुम्हारे,
उन्ही रंगोंमे रंगे है सपने हमारे,
और सपनों मे खोये हुए खयाल तुम्हारे

--स्नेहा

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