Friday, June 27, 2008

अपना आसमान

बिखरे हुए लब्जोंको जोड के तो देखो
बिच खडी दिवारोंको तोड के तो देखो
ये दुनिया बडी हसीन है मेरे दोस्त
प्यार भरी चादर ये ओढ के तो देखो

सिर्फ़ इटोंका घर बन नही सकता
बिना जोडे कण जूड नहीं सकता
घूल जाओ इस तरह एक दुजे मे
बिना प्यार के बल बढ नहीं सकता

मौका मिले तो जिवन की मंजील पा ले
साथ अपने पुरे जहान को बुला ले
हौसलों की उडान सदा उंची रखना
या अपना नया आसमान तू बना ले

--स्नेहा