Tuesday, February 5, 2008

इस मोड पे

इस मोड पे हो जाएंगी राहें जुदा जुदा,
खुशबु तेरी हवा के संग आती रहे सदा,
जो जिक्र हो इमान का याद कर लेना हमें,
मिलेंगे इसी मोड पे नहीं हम बेवफ़ा

--स्नेहा

गर होता मुमकीन तो तकदीर मिटा देते,
हम अपनी दिलसे तेरी तसवीर मिटा देते,
पर कैसे मिटा पाते दर्दे जिगर को,
बेरंग रंगोंमे रंगा है तेरी यादोंमे सिमटके
--स्नेहा

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