स्वप्नांची दुनिया
Thursday, November 15, 2007
दिपावलीची रजनी
दिपावलीची रजनी,
सप्तरंगी तारे गगनी,
उजाळा दाटे मनी,
होऊन समाधानी,
घेतली पांघरुनी,
संत्रुप्त चादर जिवनी,
थकवा जाणवे तनी,
निद्रा येयी लोचनी.
--स्नेहा
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